सऊदी अरब में भारतीय तीर्थयात्रियों से भरी एक बस का भीषण सड़क हादसा हो गया। यह बस मक्का से मदीना की ओर जा रही थी, तभी रास्ते में एक डीज़ल टैंकर से टकराकर आग की लपटों में घिर गई। हादसा इतना भयावह था कि देखते ही देखते बस जलकर राख हो गई। शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, 43–45 भारतीय तीर्थयात्रियों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
कैसे हुआ हादसा?
हादसा देर रात लगभग 1:30 बजे हुआ, जब बस तेज़ रफ्तार से हाईवे पर आगे बढ़ रही थी। इसी दौरान बस सामने से आ रहे डीज़ल टैंकर से भिड़ गई। टैंकर में मौजूद ईंधन के कारण जोरदार धमाका हुआ और दोनों वाहन आग की चपेट में आ गए।
बचाव दल को आग बुझाने और शवों को बाहर निकालने में कई घंटे लगे।
एक ही परिवार के 18 लोग हादसे का शिकार
रिपोर्टों के मुताबिक़, बस में मौजूद कई यात्रियों का आपस में रिश्ता था। एक ही परिवार के 18 सदस्य — 9 बच्चे और 9 वयस्क — इस दुर्घटना में मारे गए, जिससे पूरे क्षेत्र में गहरा शोक फैल गया है। परिवार तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के रहने वाले बताए जा रहे हैं।
एकमात्र जीवित बचे — मोहम्मद अब्दुल शोएब
इस भीषण हादसे में एकमात्र भारतीय यात्री मोहम्मद अब्दुल शोएब जीवित बच पाए। उन्होंने बस की विंडस्क्रीन तोड़कर खुद को बाहर निकाला।
मार्च की वजह से उनका शरीर 40% तक झुलस गया और अभी वे ICU में भर्ती हैं। उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
भारत सरकार और दूतावास हरकत में
दुर्घटना की जानकारी मिलते ही भारत का विदेश मंत्रालय और सऊदी में भारतीय दूतावास सक्रिय हो गया।
- मृतकों की पहचान
- शवों को भारत लाने की प्रक्रिया
- घायलों का उपचार
- परिवारों को सहायता
इन सभी मुद्दों पर तेजी से काम किया जा रहा है।
तेलंगाना सरकार ने भी एक विशेष टीम गठित की है, ताकि पीड़ित परिवारों को शीघ्र मदद मिल सके।
उमरा यात्रियों के लिए बड़ा सबक
यह हादसा दिखाता है कि लंबी दूरी की धार्मिक यात्राओं के दौरान सुरक्षा और वाहन की स्थिति की जांच कितनी ज़रूरी है।
विशेषज्ञों ने भी सऊदी हाइवे पर भारी वाहनों के लिए सख्त नियम लागू करने की मांग उठाई है।
निष्कर्ष
सऊदी अरब का यह बस हादसा पूरे भारत को झकझोर देने वाला है।
सैकड़ों परिवारों पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है और अब सभी की नज़रें सरकारी राहत और शवों की वतन वापसी पर टिकी हैं।
जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ती है, आगे और भी अपडेट सामने आ सकते हैं।
