Gold Silver Rate Update: सोना-चांदी की नई कीमतें 2025

सोना-चांदी
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सोना-चांदी खरीदने का सुनहरा मौका कहीं मौका न गवां दे

सोना-चांदी हमेशा से इन्वेस्टमेंट के लिए सुरक्षित और भरोसेमंद ऑप्शन माना गया है।इसका आकर्षण केवल इसकी कीमत में बढ़ोतरी तक सीमित नहीं है,बल्कि आर्थिक अनिश्चितताओं के समय यह एक भरोसेमंद साथी भी होता है।ऐसे में अगर आप आज सोना खरीदते हैं तो आगे कुछ सालों में इसकी कीमत कई गुना हो सकती है।कीमत कितनी हो सकती है और इनमें कितना लाभ और नुकसान हो सकता है। आईए जानते हैं पिछले ट्रेंड के आधार पर भविष्य में इसकी कीमत कितनी हो सकती है।

इस समय सोना-चांदी की कीमत

अक्टूबर 2025 में,भारत में 24 कैरेट सोने की कीमत लगभग ₹11,733 रुपए प्रति ग्राम के लगभग है।इसका मतलब है कि 1 किलो सोने की कीमत लगभग ₹1,17,33,000 तक हो सकती है।भारत में चांदी की कीमत लगभग ₹155 रुपए प्रति ग्राम के लगभग है।इसका मतलब है कि 1 किलो चांदी की कीमत लगभग ₹1,55,000 तक हो सकती है।यह दाम अलग-अलग शहरों और बाजारों में ऊपर नीचे हो सकता है।सोना चांदी में 3% जीएसटी लगता है,जो 1.5% केंद्रीय जीएसटी और 1.5% स्टेट जीएसटी में बटा होता है।

आने वाले समय में सोना-चांदी की कीमत

एक गणितीय गणना के आधार पर देखा जाए तो सोने की कीमतों में वर्तमान दर से औसतन 8% वार्षिक बढ़ोतरी हुई है।आने वाले 25 वर्षों में सोने की कीमत में लगभग 25 गुना वृद्धि हो सकती है।इसका मतलब है कि 2050 में 1 किलो सोने की कीमत लगभग 30 से 35 करोड रुपए तक पहुंच सकती है।अगर सोने की कीमतें 12% वार्षिक दर से बढ़े तो यह 55 से 60 करोड रुपए प्रति किलो तक पहुंच सकती है। यह गणना केवल ट्रेंड और औसत वृद्धि दर पर आधारित है।भविष्य में इसमें कमी या बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।

सोना-चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव विभिन्न कारकों से प्रभावित होते हैं,जैसे वैश्विक सोने की मांग,विभिन्न देशों की मुद्राओं का मूल्य और ब्याज दर इत्यादि।

फायदा नुकसान का गणित

पिछले कुछ वर्षों से सोने की कीमतें आसमान छू रही है, यह वृद्धि भविष्य में भी जारी रहने की संभावना है।सोना इन्वेस्टमेंट के हिसाब से सुरक्षित विकल्प माना गया है। खासकर आर्थिक और अनिश्चित बाजार के समय में सुरक्षित होता है।सोने की कीमतें आमतौर पर महंगाई के साथ बढ़ती है जिससे यह महंगाई से सुरक्षा देता है।

सोना-चांदी

सोने के इतना ज्यादा दाम बढ़ने के कारण

सोने की कीमत रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है क्योंकि अमेरिकी सरकारी शटडाउन और फेडरल रिजर्व की संभावित ब्याज दर कटौती की है जिससे निवेशकों ने सुरक्षित निवेश के लिए सोने में अपना इन्वेस्टमेंट बढ़ाया है।जिससे सुरक्षित निवेश की मांग बढ़ गई है।विश्लेषण के अनुसार सोने की कीमतें और बढ़ सकती है। सोने की इतनी इतनी ज्यादा वृद्धि होने का एक अन्य कारण यह भी हो सकता है क्योंकि चीन ने अपने रिजर्व में सोने की इन्वेस्टमेंट बहुत तेजी से बढ़ा रहा हैं।

बता दे की नवरात्रि की शुरुआती दिनों में ही सोने की कीमतों में गिरावट होना चालू हो गई लेकिन दीपावली पर सोने की वृद्धि की अनुमान है।

चांदी में तेजी के कारण

इस वर्ष चांदी में निवेश सोने से ज्यादा रिटर्न दिया है। चांदी ने अब तक लगभग 55 परसेंट से 60% के बीच रिटर्न दिया है बल्कि सोने ने 40% का रिटर्न दिया है।भारत में चांदी खरीदना आमतौर पर केवल गहने और अलंकरण के साथ जुड़ा होता है ना कि निवेश के साथ। परंतु कुछ वर्षों से चांदी में लोगों ने निवेश के रूप में अपना कदम बढ़ाया है।

  • चांदी का उपयोग सोलर पैनल,इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और इलेक्ट्रिक वाहनों में बड़े स्तर पर होता है,जिससे इसकी मांग बढ़ी है।
  • चांदी में निवेश सुरक्षित होता है क्योंकि भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण निवेशक हमेशा सोने और चांदी में अपना निवेश करने की कोशिश करते हैं।
  • अमेरिकी डॉलर के कमजोर होने से,सोना-चांदी को वैश्विक स्तर पर समर्थन मिलता है,जिससे डॉलर पर दबाव ज्यादा होने के कारणसोना-चांदी के मूल्य में वृद्धि होती है।
  • चांदी की ज्यादा मांग होने के कारण चांदी की आपूर्ति कम रहने से इसकी कीमतो में उछाल होता है।

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