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Kyunki Saas Bhi Kabhi Bahu Thi Season -2: 2000s का वो शो जिसने हर दिल को छू लिया

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Kyunki Saas Bhi Kabhi Bahu Thi- क्यों खास था '‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’'

अगर 2000 के दशक की बात करें तो भारतीय टीवी के इतिहास में एक शो ऐसा आया जिसने हर घर में अपनी पहचान बनाई — “क्योंकि सास भी कभी बहू थी”। यह सिर्फ एक सीरियल नहीं था, बल्कि एक भावनात्मक सफर था जिसने लाखों दर्शकों को अपने साथ जोड़ लिया।
Kyunki Saas Bhi Kabhi Bahu Thi शो ने भारतीय टेलीविजन को नई दिशा दी और एकता कपूर को “टीवी क्वीन” बना दिया।

शो की शुरुआत और कहानी

“क्योंकि सास भी कभी बहू थी” की शुरुआत 8 जुलाई 2000 को हुई थी। इसे Balaji Telefilms ने प्रोड्यूस किया था और यह Star Plus पर प्रसारित होता था।
शो की मुख्य कहानी विरानी परिवार के इर्द-गिर्द घूमती थी — एक संयुक्त गुजराती परिवार जिसमें रिश्तों, परंपराओं, प्रेम, नफरत और त्याग की कहानी बुनी गई थी।

Kyunki Saas Bhi Kabhi Bahu Thi शो की नायिका तुलसी विरानी (स्मृति ईरानी) थीं, जो एक आदर्श बहू, बेटी और माँ के रूप में हर दर्शक के दिल में बस गईं। उनका किरदार भारतीय महिलाओं के लिए त्याग, सहनशीलता और शक्ति का प्रतीक बन गया।

किरदार जिन्होंने दिल जीत लिया

1. तुलसी विरानी (स्मृति ईरानी) – शो की आत्मा। उनकी सादगी, संस्कार और नारी शक्ति की झलक हर एपिसोड में दिखती थी।

2. मिहिर विरानी (अमर उपाध्याय / रोनित रॉय) – तुलसी के पति, जिनकी मौत और वापसी ने टीवी इतिहास का सबसे बड़ा ट्विस्ट दिया।

3. बा (सुधा शिवपुरी) – परिवार की मुखिया, जिनकी सलाह और पारिवारिक बंधन की सीख ने शो को गहराई दी।

4. गौतम, करण, गंगा, मंडीरा, मीरा जैसे किरदारों ने कहानी में उतार-चढ़ाव लाकर दर्शकों को बांधे रखा।

हर किरदार का विकास इस तरह दिखाया गया कि दर्शक उनसे भावनात्मक रूप से जुड़ गए।

भारत का पहला सुपरहिट फैमिली ड्रामा

यह शो अपने समय में इतना लोकप्रिय था कि इसके TRP रिकॉर्ड तोड़ थे।
रात के 10 बजे जैसे ही टाइटल सॉन्ग बजता — “क्योंकि सास भी कभी बहू थी…” — तो घर-घर टीवी ऑन हो जाता।
लोग अपने काम छोड़कर बैठ जाते ताकि एक भी एपिसोड मिस न हो।

इस शो ने न सिर्फ महिलाओं बल्कि पुरुषों और बुजुर्गों को भी जोड़ा।
यह पहली बार हुआ जब किसी सीरियल ने टीवी को परिवारों के बीच का रिश्ता बना दिया।

टाइटल सॉन्ग जिसने दिल छू लिया

शो का टाइटल सॉन्ग “क्योंकि सास भी कभी बहू थी…” आज भी लोगों के दिलों में बसता है।
इसकी आवाज़ और म्यूजिक ने हर एपिसोड को भावनात्मक बना दिया।
ये गाना आज भी सोशल मीडिया पर nostalgia reels में वायरल रहता है।

स्मृति ईरानी की पहचान

स्मृति ईरानी Kyunki Saas Bhi Kabhi Bahu Thi शो से घर-घर में मशहूर हो गईं।
लोग उन्हें उनके असली नाम से नहीं, बल्कि “तुलसी बहू” के नाम से जानने लगे।
यह किरदार उनके करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ।
आज भले ही वे राजनीति में हों, लेकिन दर्शकों के दिल में वे हमेशा तुलसी बनकर रहेंगी।

Kyunki Saas Bhi Kabhi Bahu Thi शो के 1800 से ज्यादा एपिसोड्स में हर कुछ महीनों में एक नया मोड़ आता था —

मिहिर की मौत और वापसी

तुलसी का अपने बेटे के खिलाफ खड़ा होना

पारिवारिक कलह, पुनर्जन्म, कोर्ट केस, और रहस्य

इन सबने “क्योंकि सास भी कभी बहू थी” को टीवी का सबसे लंबा चलने वाला सीरियल बना दिया।
हर एपिसोड एक इमोशनल रोलर कोस्टर था।

Kyunki Saas Bhi Kabhi Bahu Thi -शो का प्रभाव और विरासत

“Kyunki Saas Bhi Kabhi Bahu Thi” ने भारतीय टीवी के लिए नए मानक स्थापित किए।
इसके बाद आने वाले लगभग सभी सीरियल्स में संयुक्त परिवार, आदर्श बहू और नाटकीय ट्विस्ट देखने को मिले।
यह शो इमोशनल, कल्चरल और सोशल इंपैक्ट का प्रतीक बन गया।

सोशल मीडिया के दौर में भी इसके सीन्स, डायलॉग्स और मीम्स वायरल होते रहते हैं।
आज की OTT जेनरेशन भी इसे क्लासिक फैमिली ड्रामा के रूप में याद करती है।

Kyunki Saas Bhi Kabhi Bahu Thi सीरियल में भारतीय परंपराओं और आधुनिक विचारों का अनोखा मेल दिखा।
तुलसी जैसी बहू ने साबित किया कि एक महिला सिर्फ घर तक सीमित नहीं, बल्कि न्याय के लिए आवाज उठाने वाली शक्ति भी है।
शो ने समाज को यह संदेश दिया कि परिवार की एकता और रिश्तों की अहमियत सबसे ऊपर है।

क्यों याद रहेगा यह शो हमेशा

क्योंकि इसने भारतीय परिवारों की असल भावनाएं दिखाईं।

क्योंकि इसने महिलाओं की ताकत को सम्मान दिया।

क्योंकि इसने टीवी देखने की आदत को परिवारिक आयोजन बना दिया।

और क्योंकि “सास भी कभी बहू थी” हर भारतीय घर की कहानी बन गई थी।

“क्योंकि सास भी कभी बहू थी” सिर्फ एक सीरियल नहीं, एक सांस्कृतिक घटना (Cultural Phenomenon) थी।
यह शो आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है —
क्योंकि इसके किरदार, भावनाएं और रिश्ते हमारी अपनी जिंदगी से जुड़ते हैं।

भले ही आज OTT और रियलिटी शो का दौर है, लेकिन “Kyunki Saas Bhi Kabhi Bahu Thi” की चमक आज भी फीकी नहीं पड़ी।
यह शो हमें याद दिलाता है कि परिवार, प्यार और संस्कार ही भारतीय समाज की असली पहचान हैं।

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