Gold Rate Today 2025
Times Now के अनुसार, 17 अक्टूबर 2025 को भारत में सोना और चांदी की कीमतों में फिर तेज़ी देखी गई।
धातु / कैरेट आज का भाव (प्रति 10 ग्राम / प्रति किलोग्राम)
सोना 24 कैरेट ₹1,29,584 प्रति 10 ग्राम
सोना 22 कैरेट ₹1,18,699 प्रति 10 ग्राम
सोना 18 कैरेट ₹97,188 प्रति 10 ग्राम
सोना 14 कैरेट ₹75,807 प्रति 10 ग्राम
चांदी 999 ₹1,69,230 प्रति किलोग्राम
NOTE: ये दाम टैक्स व स्थानिक प्रीमियम सहित समयांतराल अनुसार बदल सकते हैं।
इसके अलावा, वायदा बाजार (फ्यूचर्स) में भी सोने और चांदी ने नए उच्च स्तर बनाये हैं — सोने में ₹2,442 की बढ़ोतरी, चांदी में ₹2,752 की तेजी देखी गई।
सोने का आज का भाव 2025 – ताजे गोल्ड रेट और चांदी रेट
17 अक्टूबर 2025 को भारत में 24 कैरेट सोना ₹1,29,584 प्रति 10 ग्राम तक पहुँच गया।
चांदी (999) रेट ₹1,69,230 प्रति किलोग्राम दर्ज किया गया।
भाव बढ़ने के पीछे वैश्विक अनिश्चितता, मुद्रास्फीति, डॉलर कमजोरी, केंद्रीय बैंकों की नीतियां और त्योहारों की मांग मुख्य भूमिका निभाती हैं।
निवेश या खरीदारी करते समय सावधानी, छोटे विभाजन, भरोसेमंद स्रोत और समय पर निगरानी महत्वपूर्ण हैं।
सोना चांदी के दाम बढ़ने के कारण
सोना और चांदी के भाव सिर्फ मांग-आपूर्ति ही नहीं, बल्कि आर्थिक, राजनीतिक और वैश्विक कारकों का मिश्रण होते हैं। नीचे वे मुख्य कारक दिए गए हैं:
1. वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता
जब वैश्विक स्तर पर आर्थिक मंदी, युद्ध-युद्धाभाव या वित्तीय संकट की आशंका होती है, तो निवेशक “सुरक्षित हावन” की तलाश में सोना और चांदी में निवेश करते हैं। इससे इनकी मांग बढ़ जाती है।
2. मुद्रास्फीति (Inflation)
जब मुद्रास्फीति बढ़ती है, तो करंसी की क्रयशक्ति कम होती है। ऐसे समय में लोग उन वस्तुओं को प्राथमिकता देते हैं जो मूल्य को संरक्षित रख सकें — और सोना-चांदी उनमें प्रमुख हैं।
3.डॉलर की कमजोरी
भारत जैसे आयात-निर्भर देश में, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोना डॉलर में कारोबार होता है। यदि अमेरिकी डॉलर कमजोर हो, तो सोने की कीमत भारत में बढ़ जाती है।
4.केंद्रीय बैंकों की नीतियाँ
अगर केंद्रीय बैंक (जैसे अमेरिका की Fed) ब्याज दरें बढ़ाते हैं, सुरक्षित संपत्ति पर रिटर्न बढ़ जाता है और सोने की मांग दब सकती है। लेकिन यदि ब्याज दरें कम हों या कटौती की उम्मीद हो, तो सोने की ओर प्रवृत्ति मजबूत होती है।
5.मांग के मौसमी और सांस्कृतिक कारण
भारत में त्योहारों (जैसे धनतेरस, दिवाली) और शादी के सीज़न में सोने-चांदी की मांग प्रचंड बढ़ जाती है, जिससे भावों में उछाल आता है।
6. निवेश धारणा और ‘FOMO’
जब लोग यह सोचने लगते हैं कि “अगर अभी नहीं लिया तो फिर कीमत और बढ़ेगी”, इस भय (FOMO – Fear of Missing Out) से खरीदारी बढ़ जाती है और भाव बढ़ते हैं।
सोने- चांदी का असर
उछाल और रिकॉर्ड तोड़ना
अक्टूबर 2025 में सोने ने कई रिकॉर्ड तोड़े — 10 ग्राम सोना कुछ समय के लिए ₹1,32,000 तक पहुंच गया।
चांदी (प्रति किलोग्राम) भी नए उच्च स्तर पर पहुँच गई है।
प्रीमियम लगाना
चांदी के बाजार में कुछ स्थानिक (लोकल) दुकानों ने “प्रीमियम” दरें लागू करना शुरू कर दिया है — मूल दर से 4–6% अधिक।
पूरी तरह शुद्ध चांदी (999) की खपत और मांग के कारण आपूर्ति सीमित हो रही है।
पुनरावृत्ति एवं पुनर्चक्रण (Recycling)
कुछ व्यापारी और खरीदार अपने पुराने गहने बेचकर पुनर्चक्रण (recycling) विकल्प अपना रहे हैं, ताकि नई खरीदारी पर उनकी लागत कम हो।
जोखिम एवं अस्थिरता
उच्च मांग और सीमित आपूर्ति की अवधि में भाव बहुत जल्दी ऊपर-नीचे हो सकते हैं। निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए।
सोना-चांदी में निवेश या खरीदारी
1.यदि आप लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो शुद्ध 24 कैरेट सोना / शुद्ध चांदी (999) चुनना बेहतर है।
2.पूरी राशि एक साथ लगाने की बजाय तारीखों को विभाजित करें। यदि भाव ऊँचे हैं, थोड़ी राशि बाद में डाल सकते हैं।
3.सर्राफा बाजार, सरकारी मान्यता प्राप्त ज्वेलर्स या बैंक गिल्डेड स्कीम्स से खरीदें। प्रमाणपत्र और बिल लेना न भूलें।
4.सोने चांदी का भाव रोज़ बदलता है। वेबसाइट, समाचार या मोबाइल ऐप पर रीयल टाइम रेट देखें।
5.विशेषकर उच्च भाव के समय, यदि बाजार पलट जाए तो निवेशक को घाटा भी हो सकता है। इसलिए अपने पोर्टफोलियो का एक हिस्सा ही सोना-चांदी में रखें।
