छात्रों को यूक्रेन भेजने वाले धार के डॉक्टर का गेमप्लान:रूस से MBBS के दौरान मिला आइडिया; कंसल्टेंसी की आड़ में फंसाया

भारतीय नागरिकों को अवैध तरीके से रूस भेजने के मामले में सीबीआई ने धार के रहने वाले सुयश मुकुट के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। उसके साथ 15 अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया है। सुयश मुकुट ने भी रूस के वोरोनिश स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी से MBBS की डिग्री हासिल की है। रूस में रहने के दौरान वो वहां के पूरे सिस्टम को समझ चुका था। सीबीआई की पूछताछ में ये भी खुलासा हुआ कि वहां रहते हुए उसने भारतीय दूतावास के अधिकारियों में भी अच्छी पैठ बना ली थी। इस वजह से सीबीआई के निशाने पर दूतावास के अधिकारी भी हैं। आइए, इस रिपोर्ट में जानते हैं कि आखिर सुयश है कौन और उसने रूस में जाकर MBBS कैसे किया? फिर भारत आने के बाद 2 कंसल्टेंट कंपनियां कैसे खोलीं। मां बीजेपी की पार्षद, पिता आरएसएस से जुड़े हैं सुयश की मां अनिता मुकुट धार नगर पालिका की पार्षद हैं। वो पहली बार पार्षद चुनी गई हैं। पिता रमाकांत मुकुट जनरल फिजीशियन हैं और एक निजी अस्पताल में अपनी सेवाएं देते हैं। स्थानीय लोगों से पता चला कि वे आरएसएस से भी जुड़े हैं। धार की सिल्वर हिल कॉलोनी में सुयश का परिवार रहता है। सीबीआई की कार्रवाई के बाद से ही ये मकान बंद पड़ा हुआ है। दैनिक भास्कर ने सुयश और अनिता मुकुट के मोबाइल फोन नंबरों पर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन किसी ने भी कॉल रिसीव नहीं किया। 2012 में दिल्ली पढ़ने गया, वहां से रूस चला गया पहचान छिपाने की शर्त पर स्थानीय लोगों ने बताया कि मुकुट परिवार मूल रूप से इंदौर का रहने वाला है और फिलहाल धार में रहता है। सुयश ने धार से ही 12वीं पास की। इसके बाद साल 2013-14 में वो आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली चला गया। लोगों के मुताबिक दिल्ली जाकर उसकी पहचान कुछ ऐसे लोगों से हुई जो 20 से 25 लाख रुपए में रूस से MBBS की डिग्री दिला देते हैं। सुयश ने रूस जाकर 6 साल में MBBS की डिग्री हासिल की। कोविड के समय यानी साल 2019-20 में वो भारत लौट आया था। सीबीआई की पूछताछ में पता चला है कि सुयश 6 साल तक रूस में रहा। उसने यहां के रहन सहन, सिस्टम और लाइफ स्टाइल को नजदीक से देखा। रूस के मेडिकल कॉलेजों में किस तरह से एडमिशन होता है वो सिस्टम की बारीकी समझ गया गया था। भारत लौटने के बाद एक जैसे नाम की दो कंपनियां शुरू की भारत वापसी के करीब एक साल बाद यानी 2 जून 2022 में सुयश ने 24x7आरएएस ओवर सीज सर्विसेज नाम की कंपनी शुरू की। सुयश ने इस कंपनी को अपने भाई पार्थ मुकुट के साथ मिलकर खोला था। ये कंसल्टेंट कंपनी है जो भारतीय स्टूडेंट्स को विदेश यानी रशिया, चाइना, फिलीपींस, आर्मेनिया और यूक्रेन जैसे देशों में MBBS में एडमिशन दिलाने में मदद करती है। इस कंपनी के अलावा सुयश ने 20 जनवरी 2023 को एक और प्राइवेट कंपनी 24x7आरएएस ओवर सीज फाउंडेशन की शुरुआत की। सुयश के साथ इस कंपनी की डायरेक्टर गरिमा बलायान भी थी। हालांकि, सीबीआई ने जो केस रजिस्टर किया है, उसमें गरिमा बलायान का नाम नहीं है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X से भी मिली अहम जानकारी सुयश के सोशल मीडिया अकाउंट X पर केवल 10 फॉलोअर्स हैं। उसे चौकीदार तनुकांत शर्मा यूजर नेम वाला एक युवक भी फॉलो करता है जो हरियाणा के पलवल का रहने वाला है। ये वही तनुकांत शर्मा है जिसका नाम सीबीआई की एफआईआर में तीसरे नंबर पर लिखा हुआ है। सुयश ने अपनी बायो में खुद को RAS Overseas Services कंपनी का फाउंडर और चेयरपर्सन बताया है। वहीं, तनुकांत ने खुद के बायो में डॉक्टर लिखा हुआ है। ये दोनों करीबी दोस्त बताए जा रहे हैं। तनुकांत को फॉलो करने वालों में 4 नाम हैं। जिनमें से सुयश के साथ वोरोनिश स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी के 2 स्टूडेंट हैं। सीबीआई ने 7 राज्यों के 13 ठिकानों पर छापा मारा गिरोह की जानकारी लगते ही सीबीआई ने 7 मार्च को दिल्ली, तिरुअनंतपुरम, मुंबई, अंबाला, चंडीगढ़, मदुरै और चेन्नई समेत कुल 13 ठिकानों पर छापा मारा। सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ मानव तस्करी का केस रजिस्टर्ड किया है। ये दो तरीके से काम कर रहे थे। पहला, भारतीय नागरिकों को रूस में बेहतर रोजगार और ज्यादा सैलरी वाली नौकरियों का लालच देकर उन्हें धोखा देते थे। इसके एवज में उनसे मोटी रकम वसूल करते थे। दूसरा, बेहतर और सस्ती शिक्षा के नाम पर ये छात्रों को भी ठग रहे थे। उन्हें रूस के संदिग्ध निजी विश्वविद्यालयों में सस्ती फीस पर एडमिशन के साथ फ्री और डिस्काउंट वीजा एक्सटेंशन का लालच देते थे। सीबीआई अधिकारी ने बताया, रशियन एजेंट्स पासपोर्ट छीन लेते हैं सीबीआई को ये जानकारी भी लगी कि भारतीयों के रूस पहुंचने के बाद आरोपियों के रूस में बैठे साथी इनके पासपोर्ट छीन लेते हैं। इसके बाद उन्हें युद्ध में अलग-अलग भूमिका के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। सेना की वर्दी और बैज दिए जाते हैं। फिर इन्हें रूस-यूक्रेन वार जोन के फ्रंट बेस पर उनकी इच्छा के बिना जबरदस्ती तैनात कर दिया जाता है। सीबीआई को ये जानकारी भी लगी की युद्ध क्षेत्र में तैनात कुछ भारतीय गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं। विदेश मंत्रालय ने जंग से दूर रहने की अपील की फरवरी 2022 से रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है। इस युद्ध में यूक्रेन के कई शहर खंडहर में तब्दील हो गए हैं और कई शहर रूस के कब्जे में आ गए हैं। रूस की सेना का एक बड़ा हिस्सा इस युद्ध में खत्म हो गया है। अगर पश्चिमी देशों के आंकड़ों की बात करें तो रूस के लगभग 3 लाख से ज्यादा सैनिक इस युद्ध में मारे गए हैं। इसी वजह से रूस अब अन्य देशों के नागरिकों को अपनी सेना में भर्ती करने की कोशिश कर रहा है। मार्च 2024 के शुरुआती हफ्ते में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें कुछ भारतीय नागरिक जो रूस में फंसे हैं वो भारत सरकार से अपील कर थे कि भारत सरकार उन्हें रूस से निकालने में मदद करे। इससे पहले ही रूस से 2 भारतीय नागरिकों की मौत हो गई है। इनमें से एक गुजरात के सूरत तो वहीं दूसरा तेलंगाना के हैदराबाद का रहने वाला था। विदेश मंत्रालय के मुताबिक रूस युद्ध में फंसे कई भारतीयों को बचा लिया गया है। लेकिन

Mar 21, 2024 - 06:30
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छात्रों को यूक्रेन भेजने वाले धार के डॉक्टर का गेमप्लान:रूस से MBBS के दौरान मिला आइडिया; कंसल्टेंसी की आड़ में फंसाया
भारतीय नागरिकों को अवैध तरीके से रूस भेजने के मामले में सीबीआई ने धार के रहने वाले सुयश मुकुट के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। उसके साथ 15 अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया है। सुयश मुकुट ने भी रूस के वोरोनिश स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी से MBBS की डिग्री हासिल की है। रूस में रहने के दौरान वो वहां के पूरे सिस्टम को समझ चुका था। सीबीआई की पूछताछ में ये भी खुलासा हुआ कि वहां रहते हुए उसने भारतीय दूतावास के अधिकारियों में भी अच्छी पैठ बना ली थी। इस वजह से सीबीआई के निशाने पर दूतावास के अधिकारी भी हैं। आइए, इस रिपोर्ट में जानते हैं कि आखिर सुयश है कौन और उसने रूस में जाकर MBBS कैसे किया? फिर भारत आने के बाद 2 कंसल्टेंट कंपनियां कैसे खोलीं। मां बीजेपी की पार्षद, पिता आरएसएस से जुड़े हैं सुयश की मां अनिता मुकुट धार नगर पालिका की पार्षद हैं। वो पहली बार पार्षद चुनी गई हैं। पिता रमाकांत मुकुट जनरल फिजीशियन हैं और एक निजी अस्पताल में अपनी सेवाएं देते हैं। स्थानीय लोगों से पता चला कि वे आरएसएस से भी जुड़े हैं। धार की सिल्वर हिल कॉलोनी में सुयश का परिवार रहता है। सीबीआई की कार्रवाई के बाद से ही ये मकान बंद पड़ा हुआ है। दैनिक भास्कर ने सुयश और अनिता मुकुट के मोबाइल फोन नंबरों पर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन किसी ने भी कॉल रिसीव नहीं किया। 2012 में दिल्ली पढ़ने गया, वहां से रूस चला गया पहचान छिपाने की शर्त पर स्थानीय लोगों ने बताया कि मुकुट परिवार मूल रूप से इंदौर का रहने वाला है और फिलहाल धार में रहता है। सुयश ने धार से ही 12वीं पास की। इसके बाद साल 2013-14 में वो आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली चला गया। लोगों के मुताबिक दिल्ली जाकर उसकी पहचान कुछ ऐसे लोगों से हुई जो 20 से 25 लाख रुपए में रूस से MBBS की डिग्री दिला देते हैं। सुयश ने रूस जाकर 6 साल में MBBS की डिग्री हासिल की। कोविड के समय यानी साल 2019-20 में वो भारत लौट आया था। सीबीआई की पूछताछ में पता चला है कि सुयश 6 साल तक रूस में रहा। उसने यहां के रहन सहन, सिस्टम और लाइफ स्टाइल को नजदीक से देखा। रूस के मेडिकल कॉलेजों में किस तरह से एडमिशन होता है वो सिस्टम की बारीकी समझ गया गया था। भारत लौटने के बाद एक जैसे नाम की दो कंपनियां शुरू की भारत वापसी के करीब एक साल बाद यानी 2 जून 2022 में सुयश ने 24x7आरएएस ओवर सीज सर्विसेज नाम की कंपनी शुरू की। सुयश ने इस कंपनी को अपने भाई पार्थ मुकुट के साथ मिलकर खोला था। ये कंसल्टेंट कंपनी है जो भारतीय स्टूडेंट्स को विदेश यानी रशिया, चाइना, फिलीपींस, आर्मेनिया और यूक्रेन जैसे देशों में MBBS में एडमिशन दिलाने में मदद करती है। इस कंपनी के अलावा सुयश ने 20 जनवरी 2023 को एक और प्राइवेट कंपनी 24x7आरएएस ओवर सीज फाउंडेशन की शुरुआत की। सुयश के साथ इस कंपनी की डायरेक्टर गरिमा बलायान भी थी। हालांकि, सीबीआई ने जो केस रजिस्टर किया है, उसमें गरिमा बलायान का नाम नहीं है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X से भी मिली अहम जानकारी सुयश के सोशल मीडिया अकाउंट X पर केवल 10 फॉलोअर्स हैं। उसे चौकीदार तनुकांत शर्मा यूजर नेम वाला एक युवक भी फॉलो करता है जो हरियाणा के पलवल का रहने वाला है। ये वही तनुकांत शर्मा है जिसका नाम सीबीआई की एफआईआर में तीसरे नंबर पर लिखा हुआ है। सुयश ने अपनी बायो में खुद को RAS Overseas Services कंपनी का फाउंडर और चेयरपर्सन बताया है। वहीं, तनुकांत ने खुद के बायो में डॉक्टर लिखा हुआ है। ये दोनों करीबी दोस्त बताए जा रहे हैं। तनुकांत को फॉलो करने वालों में 4 नाम हैं। जिनमें से सुयश के साथ वोरोनिश स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी के 2 स्टूडेंट हैं। सीबीआई ने 7 राज्यों के 13 ठिकानों पर छापा मारा गिरोह की जानकारी लगते ही सीबीआई ने 7 मार्च को दिल्ली, तिरुअनंतपुरम, मुंबई, अंबाला, चंडीगढ़, मदुरै और चेन्नई समेत कुल 13 ठिकानों पर छापा मारा। सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ मानव तस्करी का केस रजिस्टर्ड किया है। ये दो तरीके से काम कर रहे थे। पहला, भारतीय नागरिकों को रूस में बेहतर रोजगार और ज्यादा सैलरी वाली नौकरियों का लालच देकर उन्हें धोखा देते थे। इसके एवज में उनसे मोटी रकम वसूल करते थे। दूसरा, बेहतर और सस्ती शिक्षा के नाम पर ये छात्रों को भी ठग रहे थे। उन्हें रूस के संदिग्ध निजी विश्वविद्यालयों में सस्ती फीस पर एडमिशन के साथ फ्री और डिस्काउंट वीजा एक्सटेंशन का लालच देते थे। सीबीआई अधिकारी ने बताया, रशियन एजेंट्स पासपोर्ट छीन लेते हैं सीबीआई को ये जानकारी भी लगी कि भारतीयों के रूस पहुंचने के बाद आरोपियों के रूस में बैठे साथी इनके पासपोर्ट छीन लेते हैं। इसके बाद उन्हें युद्ध में अलग-अलग भूमिका के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। सेना की वर्दी और बैज दिए जाते हैं। फिर इन्हें रूस-यूक्रेन वार जोन के फ्रंट बेस पर उनकी इच्छा के बिना जबरदस्ती तैनात कर दिया जाता है। सीबीआई को ये जानकारी भी लगी की युद्ध क्षेत्र में तैनात कुछ भारतीय गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं। विदेश मंत्रालय ने जंग से दूर रहने की अपील की फरवरी 2022 से रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है। इस युद्ध में यूक्रेन के कई शहर खंडहर में तब्दील हो गए हैं और कई शहर रूस के कब्जे में आ गए हैं। रूस की सेना का एक बड़ा हिस्सा इस युद्ध में खत्म हो गया है। अगर पश्चिमी देशों के आंकड़ों की बात करें तो रूस के लगभग 3 लाख से ज्यादा सैनिक इस युद्ध में मारे गए हैं। इसी वजह से रूस अब अन्य देशों के नागरिकों को अपनी सेना में भर्ती करने की कोशिश कर रहा है। मार्च 2024 के शुरुआती हफ्ते में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें कुछ भारतीय नागरिक जो रूस में फंसे हैं वो भारत सरकार से अपील कर थे कि भारत सरकार उन्हें रूस से निकालने में मदद करे। इससे पहले ही रूस से 2 भारतीय नागरिकों की मौत हो गई है। इनमें से एक गुजरात के सूरत तो वहीं दूसरा तेलंगाना के हैदराबाद का रहने वाला था। विदेश मंत्रालय के मुताबिक रूस युद्ध में फंसे कई भारतीयों को बचा लिया गया है। लेकिन अभी भी 20 भारतीय नागरिक युद्ध में फंसे हुए हैं।

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