भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की मनाई गई शहादत दिवस:मगध विश्वविद्यालय में दी गई श्रद्धांजलि, कुलपति ने कहा- उनके विचार को जीवन में उतारने की जरूरत
गया के बोधगया स्थित मगध विश्वविद्यालय प्रांगण में इंकलाबी छात्र के द्वारा शहीद ए आजम भगत सिंह सुखदेव और राजगुरु का शहादत दिवस मनाया गया। शहादत दिवस पर छात्रों ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर व मौन धारण कर श्रद्धांजलि दिया। वही मौके पर उपस्थित मगध विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रति कुलपति, छात्र कल्याण पदाधिकारी, छात्रों और कर्मचारियों ने भी भगत सिंह के चित्र पर पुष्पादित पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दिया। 'सेमिनार का आयोजन किया जाएगा' छात्रों को संबोधित करते हुए मगध विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में बहुत जल्द उन सभी वीर सपूतों जिन्होंने भारत की आज़ादी में अपना जान न्योछावर किया है। इस पर विश्वविद्यालय में सेमिनार का आयोजन किया जाएगा। कुलपति ने भगत सिंह राजगुरु और सुखदेव के विचार पर प्रकाश डालते हुए कहा की हमें उनके विचारों को अपने जीवन में उतारने की जरूरत है,तभी हम भारत मां के इन वीर सपूत भगत सिंह राजगुरु और सुखदेव को सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं। 'भगत सिंह एक व्यक्ति नहीं, विचार थे' शोधार्थी छात्र वरुण कुमार,अशोक कुमार और मनीष कुमार ने बारी-बारी से भगत सिंह के जीवन पर अपनी बात रखी। कार्यक्रम का संचालन कर रहे इंकलाबी साथ छात्र के संरक्षक कमलेश यादव ने बताया कि भगत सिंह एक व्यक्ति ही नहीं बल्कि एक विचार थे, जिन्होंने युवाओं को आजादी की लड़ाई में अग्रिम पंक्ति में खड़ा किया और वास्तविक आजादी को परिभाषित किया। सभा को संबोधित करते हुए इंक़लाब छात्र के संयोजक दीपक कुमार दांगी ने कहा कि भगत सिंह ने जो सपना आजादी का देखा था वह आज भी अधूरी है आजादी के पूर्व जिन लोगों के पास देश की 80% धन- संपदा थीं आज आज़ादी के बाद भी वही लोग देश के 80 % धन संपदा पर काबिज हैं हमें वास्तविक आजादी तब मिलेगी जब आर्थिक दृष्टि से भी धन संपदा का बंटवारा होगा । वही शहादत दिवस समारोह में छात्र नेता विकास रंजन, संतोष कुमार राय ,संतोष यादव ,अभिषेक रंजन ,रंजीत कुमार, बिट्टू कुमार, राकेश चौधरी ,नवलेश यादव ,विक्रम, दिवाकर ,सुजीत, प्रेम, प्रो. पिंटू कुमार एवं सैकड़ो छात्र उपस्थित रहे।
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