फर्स्ट फेज में लालू ने खेला कुशवाहा कार्ड:7% आबादी को साधने के लिए बीजेपी को दिया जवाब, A टू Z की पार्टी होने का भी मैसेज
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद की नजर कुशवाहा वोट बैंक पर है। शायद यही वजह है कि उन्होंने प्रथम चरण के लोकसभा चुनाव के लिए जो सिंबल बांटा उसमें दो कुशवाहा समाज से ही टिकट दिया है। आपको याद होगा सिंबल बांटने से कुछ दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी खेती-किसानी करती हुईं नजर आई थीं। खेत में मूली उखाड़ते हुए उनका वीडियो काफी देखा गया था। तब राबड़ी देवी ने कुशवाहा या कोयरी समाज को मैसेज देने की कोशिश की थी कि उनका जुड़ाव खेती-किसानी से खूब है। कुशवाहा को इसलिए साध रहे लालू लालू प्रसाद ने राजपूत बहुल इलाका औरंगाबाद से अभय कुशवाहा, नवादा से श्रवण कुशवाहा को सिंबल दिया है। जानकारी है कि उजियारपुर से आरजेडी के आलोक मेहता चुनाव लडे़ंगे। बता दें बीजेपी कुशवाहा वोट बैंक पर खासा फोकस कर रही है। बीजेपी ने उपेन्द्र कुशवाहा जैसे कुशवाहा के बड़े नेता को तो एनडीए में रखा ही साथ ही, वहां बिहार प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी को डिप्टी सीएम की पद भी सत्ता में दिया। बात जेडीयू की करें तो वहां बिहार प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा हैं। यानी कुशवाहा राजनीति सत्ता पक्ष में इस तरह से है कि लालू प्रसाद इसकी ताकत को इग्नोर नहीं कर सकते। तेजस्वी यादव को यह दिखाना भी है कि उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल सिर्फ यादव और मुसलमान की बार्टी नहीं है बल्कि A to Z या BAAP की पार्टी भी है। BAAP का मतलब है- बहुजन, अगड़ी, आधी आबादी और गरीब। जगदेव प्रसाद बड़े नेता हुए, अब सम्राट बड़े नेता बिहार जाति सर्वे में कोयरी और कुर्मी मिलाकर 7 फीसदी हैं। यानी यह वोट बैंक चुनाव परिणाम को प्रभावित करने की ताकत रखता है। बता दें कुशवाहा की उत्पत्ति राम-सीता के बेटे कुश से मानी जाती है। इसलिए इस जाति के लोग खुद को राम का वंशज भी मानते हैं। ब्राह्मण, भूमिहार और राजपूत भी खुद को किसान कहते हैं, लेकिन उनकी किसानी और कुशवाहा समाज की किसानी में फर्क है। अगड़ी जातियों के पास जमीनें ज्यादा भले हैं लेकिन असली खेती कोईरी- कुर्मी और अन्य जातियां ही बिहार में कर रही हैं। भूमि सुधार आयोग की रिपोर्ट में भी इसका जिक्र है दिखता है कि बिहार में बटाई पर खेती करने वाले किसान ही ज्यादा हैं। कुशवाहा समाज से सबसे बड़े नेता हुए जगदेव प्रसाद। नए दौर के नेताओं में सम्राट चौधरी और उपेन्द्र कुशवाहा का बड़ा नाम है। सम्राट डिप्टी सीएम भी हैं। आरजेडी में आलोक मेहता कुशवाहा समाज से बड़े नेता हैं। पढ़े-लिखे नेताओं में प्रेम कुमार मणि का भी नाम है लेकिन उन्होंने लालू प्रसाद को लंबा नसीहत भरा पत्र लिखकर आरजेडी से त्याग पत्र दे दिया था, वे अब नीतीश कुमार के साथ भी नहीं हैं। लालू प्रसाद के काल में पिछड़े, अतिपिछड़े के साथ ज्यादती हुई, वे एमवाई के नेता बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता कुंतल कृष्ण कहते हैं कि लालू प्रसाद और आरजेडी के शासन काल में कुशवाहा समाज और बिहार के अन्य पिछड़े और अतिपिछड़े के साथ ज्यादती हुई, परेशान की गई। आरजेडी एमवाई और भूरा बाल साफ करने वाली पार्टी है! कुशवाहा समाज को किसी दल ने अगर बिहार में सम्मान दिया है तो बीजेपी ने दिया है। सम्राट चौधरी को डिप्टी सीएम बनाया। लालू प्रसाद वोट के लिए किसी भी समाज को अपना बनाने लगते हैं। लालू प्रसाद की प्राथमिकता एमवाई है। 'कुशवाहा को तरजीह देकर लालू प्रसाद ने बड़ी लकीर खींच दी' वरिष्ठ पत्रकार संतोष कुमार कहते हैं कि लालू प्रसाद ने एक साथ तीन नेताओं को उम्मीदवार बनाकर भारतीय जनता पार्टी में खलबली मचा दी है। लालू प्रसाद जानते हैं कि कुशवाहा समाज पहले जाति देखता है उसके बाद पार्टी को वोट देता है। लालू प्रसाद ने एक बड़ी लकीर खींच दी है। औरंगाबाद, नवादा, उजियारपुर में कुशवाहा समाज को टिकट दिया है। तीनों जगह पर इससे अच्छी लड़ाई होगी। माले में भी एक उम्मीदवार कुशवाहा समाज से उतारा जा रहा है। सासाराम में सुरक्षित सीट है। मीरा कुमार के बेटे को टिकट देने की तैयारी है। मीरा कुमार के पति कुशवाहा समाज से आते हैं। लालू प्रसाद की पूरी कोशिश है कि कुशवाहा वोट बैंक को तोड़ें।
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