हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर शहीदी दिवस आज:शंभू बॉर्डर पर पहुंचेंगे बजरंग पूनिया; शहीद भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव को श्रद्धांजलि देंगे किसान

किसान आंदोलन-2 का आज 23 मार्च को 40वां दिन है। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के आह्वान पर आज (शनिवार को) किसान शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर शहीदी दिवस मनाएंगे, जिसमें अंतरराष्ट्रीय पहलवान बजरंग पूनिया समेत अन्य किसान नेता शिरकत करेंगे। इस दौरान शहीद-ए-आजम भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को श्रद्धांजलि दी जाएगी। एक दिन पहले 22 मार्च को हिसार में शहीद समागम (श्रद्धांजलि समारोह) हुआ, जिसमें जिसमें किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल, सरवण सिंह पंधेर समेत तमाम किसान नेताओं ने शिरकत की। यहां किसान नेताओं का कहा कि शुभकरण सिंह ने पूरे देश के किसानों के लिए MSP की गारंटी का कानून बनवाने के लिए, पूरे देश के किसानों व मजदूरों का कर्ज मुक्त कराने के लिए, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू कराने के लिए कुर्बानी दी है। इसलिए देशभर के किसानों की यह जिम्मेदारी बनती है कि 12 मांगों को पूरा करा के शुभकरण सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि दें। 27 मार्च को राजस्थान तो 31 मार्च को अंबाला की मोहड़ा अनाज मंडी में शहीद समागम होना है। कैथल पहुंची अस्थि कलश यात्रा शंभू बॉर्डर से 7 दिन पहले शुरू हुई अस्थि कलश यात्रा पंचकूला, चंडीगढ़, यमुनानगर और कुरुक्षेत्र व करनाल के कई गांव से होते हुए कैथल पहुंची। किसान सरकार पर दबाव बनाने सहानुभूति जुटा रहे हैं। यात्रा का आज 8वां दिन है। कैथल के बाद 3 दिन अंबाला जिले में कलश यात्रा निकलेगी। अब तक 14 की मौत, 4 दौर की वार्ता विफल अभी तक किसान आंदोलन के दौरान 14 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें 3 पुलिस कर्मचारी भी शामिल हैं। 17 व 18 मार्च को भी किसान आंदोलन से जुड़े 3 किसानों की अलग-अलग कारणों से मौत हुई। किसान MSP की गारंटी का कानून बनाने समेत अन्य कई मांगों पर अड़े हुए हैं। अब तक सरकार के साथ हुई 4 दौर की वार्ता विफल रही। किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, वे धरने पर डटे रहेंगे। किसान आंदोलन के 39 दिनों का घटनाक्रम... 13 फरवरी को सुबह 10 बजे फायरिंग : पंजाब से किसान 12 फरवरी की शाम को ही शंभू बॉर्डर पर पहुंच गए। 13 फरवरी की सुबह उन्होंने हरियाणा पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की। जवाब में पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। रबड़ की गोलियां चलाईं। शंभू की तरह खनौरी और डबवाली बॉर्डर पर भी हालात नाजुक रहे। 14 फरवरी को खनौरी बॉर्डर पर बिगड़े हालात : शंभू बॉर्डर पर झड़प के बाद प्रदर्शनकारी किसानों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन पर SLR से सीधी फायरिंग की। इसके बाद खनौरी बॉर्डर पर भी किसानों और पैरामिलिट्री फोर्स के बीच झड़प हुई। यहां किसानों ने जवानों के हेलमेट और लाठियां छीन लीं। 15 फरवरी को पंजाब में टोल फ्री कराए, ट्रेनें रोकीं : आंसू गैस के इस्तेमाल से नाराज पंजाब के दूसरे किसान संगठनों ने आंदोलन का समर्थन किया। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने 3 घंटे के लिए पंजाब के सभी टोल प्लाजा फ्री करवाए। भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) ने 6 जिलों में 4 घंटे ट्रेनें रोकीं। 16 फरवरी को ग्रामीण भारत बंद, हरियाणा में टोल फ्री : किसानों ने ग्रामीण भारत बंद बुलाया। इस दौरान पंजाब-हरियाणा में रोडवेज बसें बंद रहीं। हरियाणा में BKU (चढ़ूनी) ने 3 घंटे सारे टोल फ्री कराए। इस दिन गुरदासपुर के किसान ज्ञान सिंह की शंभू बॉर्डर पर हार्ट अटैक से मौत हो गई। वहीं, ड्यूटी पर तैनात GRP के सब-इंस्पेक्टर हीरालाल की भी मौत हुई। इसकी वजह आंसू गैस के गोले से दम घुटना बताया गया। पुलिस पर हमले के आरोप में हरियाणा पुलिस ने किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ और उनके 5 साथियों पर FIR दर्ज की। शाम को किसान संगठनों ने शांति बनाए रखने का फैसला किया। 17 फरवरी को पंजाब में भाजपा नेताओं के घर घेरे : शंभू बॉर्डर पर दिनभर शांति रही। हरियाणा के सभी जिलों में BKU (चढ़ूनी) ने ट्रैक्टर मार्च निकाले। पंजाब में BKU (उगराहां) ने सारे टोल फ्री कराए। पंजाब BJP प्रधान सुनील जाखड़, पंजाब के पूर्व CM कैप्टन अमरिंदर सिंह और बरनाल में भाजपा नेता केवल सिंह ढिल्लो के घर के बाहर धरना दिया गया। 18 फरवरी को बैठक में केंद्र ने दिया प्रपोजल : इस दिन BKU क्रांतिकारी के नेता मनजीत सिंह ने खनौरी बॉर्डर पर दम तोड़ दिया। चंडीगढ़ में देर शाम केंद्रीय मंत्रियों और किसानों की मीटिंग हुई। इसमें सरकार ने 5 फसलों- मक्की, कपास, मसूर, उड़द और तुअर को 5 साल तक MSP पर खरीदने का प्रपोजल दिया। 19 फरवरी को किसानों ने केंद्र का प्रस्ताव ठुकराया : किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और जगजीत डल्लेवाल ने केंद्र सरकार के प्रपोजल को खारिज कर दिया। डल्लेवाल ने कहा कि इसका फायदा सिर्फ उन्हीं किसानों को मिलेगा जो धान-गेहूं को छोड़ेगा। पंजाब कांग्रेस नेता नवजोत सिद्धू ने इसे कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की कोशिश बताया। किसान नेता पंधेर ने 21 फरवरी की सुबह 11 बजे दिल्ली कूच का ऐलान किया। 20 फरवरी को शंभू बॉर्डर पहुंचीं बड़ी-बड़ी मशीनें, एक और मौत : हरियाणा पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ने के लिए किसान JCB और हाइड्रोलिक क्रेन जैसी हैवी मशीनरी लेकर पहुंचे। बुलेटप्रूफ पोकलेन मशीन भी लाए। हरियाणा पुलिस के DGP शत्रुजीत कपूर ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पंजाब के DGP गौरव यादव को लेटर लिखा। टोहाना बॉर्डर पर एक SI की मौत हुई। 21 फरवरी को दिल्ली कूच की कोशिश, युवा किसान की मौत : किसानों ने दोपहर में दिल्ली कूच की कोशिश की। इससे पहले केंद्र से 5वीं वार्ता का मैसेज आया। किसान फैसला ले पाते, उससे पहले खनौरी बॉर्डर पर हिंसक झड़प हो गई, जिसमें बठिंडा के युवा किसान शुभकरण की मौत हो गई। शंभू बॉर्डर पर आगे बढ़ने की कोशिश के वक्त हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। इससे आंदोलन की अगुआई कर रहे सरवण पंधेर और जगजीत डल्लेवाल की तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद दिल्ली कूच 2 दिन के लिए टाल दिया गया। 22 फरवरी को शंभू-खनौरी बॉर्डर पर शांति : शंभू और खनौरी बॉर्डर पर दिन भर शांति रही। इस दौरान किसान पंजाब सीमा में बैठे रहे। वहीं, हरियाणा पुलिस और पै

Mar 23, 2024 - 08:03
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हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर शहीदी दिवस आज:शंभू बॉर्डर पर पहुंचेंगे बजरंग पूनिया; शहीद भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव को श्रद्धांजलि देंगे किसान
किसान आंदोलन-2 का आज 23 मार्च को 40वां दिन है। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के आह्वान पर आज (शनिवार को) किसान शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर शहीदी दिवस मनाएंगे, जिसमें अंतरराष्ट्रीय पहलवान बजरंग पूनिया समेत अन्य किसान नेता शिरकत करेंगे। इस दौरान शहीद-ए-आजम भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को श्रद्धांजलि दी जाएगी। एक दिन पहले 22 मार्च को हिसार में शहीद समागम (श्रद्धांजलि समारोह) हुआ, जिसमें जिसमें किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल, सरवण सिंह पंधेर समेत तमाम किसान नेताओं ने शिरकत की। यहां किसान नेताओं का कहा कि शुभकरण सिंह ने पूरे देश के किसानों के लिए MSP की गारंटी का कानून बनवाने के लिए, पूरे देश के किसानों व मजदूरों का कर्ज मुक्त कराने के लिए, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू कराने के लिए कुर्बानी दी है। इसलिए देशभर के किसानों की यह जिम्मेदारी बनती है कि 12 मांगों को पूरा करा के शुभकरण सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि दें। 27 मार्च को राजस्थान तो 31 मार्च को अंबाला की मोहड़ा अनाज मंडी में शहीद समागम होना है। कैथल पहुंची अस्थि कलश यात्रा शंभू बॉर्डर से 7 दिन पहले शुरू हुई अस्थि कलश यात्रा पंचकूला, चंडीगढ़, यमुनानगर और कुरुक्षेत्र व करनाल के कई गांव से होते हुए कैथल पहुंची। किसान सरकार पर दबाव बनाने सहानुभूति जुटा रहे हैं। यात्रा का आज 8वां दिन है। कैथल के बाद 3 दिन अंबाला जिले में कलश यात्रा निकलेगी। अब तक 14 की मौत, 4 दौर की वार्ता विफल अभी तक किसान आंदोलन के दौरान 14 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें 3 पुलिस कर्मचारी भी शामिल हैं। 17 व 18 मार्च को भी किसान आंदोलन से जुड़े 3 किसानों की अलग-अलग कारणों से मौत हुई। किसान MSP की गारंटी का कानून बनाने समेत अन्य कई मांगों पर अड़े हुए हैं। अब तक सरकार के साथ हुई 4 दौर की वार्ता विफल रही। किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, वे धरने पर डटे रहेंगे। किसान आंदोलन के 39 दिनों का घटनाक्रम... 13 फरवरी को सुबह 10 बजे फायरिंग : पंजाब से किसान 12 फरवरी की शाम को ही शंभू बॉर्डर पर पहुंच गए। 13 फरवरी की सुबह उन्होंने हरियाणा पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की। जवाब में पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। रबड़ की गोलियां चलाईं। शंभू की तरह खनौरी और डबवाली बॉर्डर पर भी हालात नाजुक रहे। 14 फरवरी को खनौरी बॉर्डर पर बिगड़े हालात : शंभू बॉर्डर पर झड़प के बाद प्रदर्शनकारी किसानों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन पर SLR से सीधी फायरिंग की। इसके बाद खनौरी बॉर्डर पर भी किसानों और पैरामिलिट्री फोर्स के बीच झड़प हुई। यहां किसानों ने जवानों के हेलमेट और लाठियां छीन लीं। 15 फरवरी को पंजाब में टोल फ्री कराए, ट्रेनें रोकीं : आंसू गैस के इस्तेमाल से नाराज पंजाब के दूसरे किसान संगठनों ने आंदोलन का समर्थन किया। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने 3 घंटे के लिए पंजाब के सभी टोल प्लाजा फ्री करवाए। भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) ने 6 जिलों में 4 घंटे ट्रेनें रोकीं। 16 फरवरी को ग्रामीण भारत बंद, हरियाणा में टोल फ्री : किसानों ने ग्रामीण भारत बंद बुलाया। इस दौरान पंजाब-हरियाणा में रोडवेज बसें बंद रहीं। हरियाणा में BKU (चढ़ूनी) ने 3 घंटे सारे टोल फ्री कराए। इस दिन गुरदासपुर के किसान ज्ञान सिंह की शंभू बॉर्डर पर हार्ट अटैक से मौत हो गई। वहीं, ड्यूटी पर तैनात GRP के सब-इंस्पेक्टर हीरालाल की भी मौत हुई। इसकी वजह आंसू गैस के गोले से दम घुटना बताया गया। पुलिस पर हमले के आरोप में हरियाणा पुलिस ने किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ और उनके 5 साथियों पर FIR दर्ज की। शाम को किसान संगठनों ने शांति बनाए रखने का फैसला किया। 17 फरवरी को पंजाब में भाजपा नेताओं के घर घेरे : शंभू बॉर्डर पर दिनभर शांति रही। हरियाणा के सभी जिलों में BKU (चढ़ूनी) ने ट्रैक्टर मार्च निकाले। पंजाब में BKU (उगराहां) ने सारे टोल फ्री कराए। पंजाब BJP प्रधान सुनील जाखड़, पंजाब के पूर्व CM कैप्टन अमरिंदर सिंह और बरनाल में भाजपा नेता केवल सिंह ढिल्लो के घर के बाहर धरना दिया गया। 18 फरवरी को बैठक में केंद्र ने दिया प्रपोजल : इस दिन BKU क्रांतिकारी के नेता मनजीत सिंह ने खनौरी बॉर्डर पर दम तोड़ दिया। चंडीगढ़ में देर शाम केंद्रीय मंत्रियों और किसानों की मीटिंग हुई। इसमें सरकार ने 5 फसलों- मक्की, कपास, मसूर, उड़द और तुअर को 5 साल तक MSP पर खरीदने का प्रपोजल दिया। 19 फरवरी को किसानों ने केंद्र का प्रस्ताव ठुकराया : किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और जगजीत डल्लेवाल ने केंद्र सरकार के प्रपोजल को खारिज कर दिया। डल्लेवाल ने कहा कि इसका फायदा सिर्फ उन्हीं किसानों को मिलेगा जो धान-गेहूं को छोड़ेगा। पंजाब कांग्रेस नेता नवजोत सिद्धू ने इसे कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की कोशिश बताया। किसान नेता पंधेर ने 21 फरवरी की सुबह 11 बजे दिल्ली कूच का ऐलान किया। 20 फरवरी को शंभू बॉर्डर पहुंचीं बड़ी-बड़ी मशीनें, एक और मौत : हरियाणा पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ने के लिए किसान JCB और हाइड्रोलिक क्रेन जैसी हैवी मशीनरी लेकर पहुंचे। बुलेटप्रूफ पोकलेन मशीन भी लाए। हरियाणा पुलिस के DGP शत्रुजीत कपूर ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पंजाब के DGP गौरव यादव को लेटर लिखा। टोहाना बॉर्डर पर एक SI की मौत हुई। 21 फरवरी को दिल्ली कूच की कोशिश, युवा किसान की मौत : किसानों ने दोपहर में दिल्ली कूच की कोशिश की। इससे पहले केंद्र से 5वीं वार्ता का मैसेज आया। किसान फैसला ले पाते, उससे पहले खनौरी बॉर्डर पर हिंसक झड़प हो गई, जिसमें बठिंडा के युवा किसान शुभकरण की मौत हो गई। शंभू बॉर्डर पर आगे बढ़ने की कोशिश के वक्त हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। इससे आंदोलन की अगुआई कर रहे सरवण पंधेर और जगजीत डल्लेवाल की तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद दिल्ली कूच 2 दिन के लिए टाल दिया गया। 22 फरवरी को शंभू-खनौरी बॉर्डर पर शांति : शंभू और खनौरी बॉर्डर पर दिन भर शांति रही। इस दौरान किसान पंजाब सीमा में बैठे रहे। वहीं, हरियाणा पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स बैरिकेडिंग पर डटी रहीं। 23 फरवरी को दिल्ली कूच 29 फरवरी तक टला : युवा किसान शुभकरण के परिवार को पंजाब सरकार ने एक करोड़ और बहन को सरकारी नौकरी देने की बात कही। किसान आरोपियों पर FIR करने की मांग पर अड़े। किसान नेता पंधेर और डल्लेवाल ने कहा कि 29 फरवरी को दिल्ली कूच को लेकर रणनीति बनाई जाएगी। 24 फरवरी को कैंडल मार्च निकाला : ​​​​​शंभू और खनौरी बॉर्डर पर शाम को कैंडल मार्च निकाला गया। सरकार ने हरियाणा के 7 जिलों में मोबाइल इंटरनेट पर बैन बढ़ाया। वहीं, आंदोलन में लापता किसान प्रीतपाल के रोहतक PGI में भर्ती होने की सूचना के बाद पंजाब के चीफ सेक्रेटरी अनुराग वर्मा ने हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी संजीव कौशल को पत्र लिखा। इसके बाद किसान को चंडीगढ़ रेफर किया गया। 25 फरवरी हरियाणा में इंटरनेट सेवा पर लगी रोक हटी : 11 दिन से बंद दिल्ली के टीकरी बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर को अस्थायी तौर पर खोला गया। हरियाणा के 7 जिलों में मोबाइल इंटरनेट पर लगी रोक हटी। अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में 11 फरवरी की सुबह 6 बजे से इंटरनेट बंद था। किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर पर वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) को लेकर हुए सम्मेलन में नुकसान के बारे में बताया गया। फतेहाबाद के गांव समैन में खाप पंचायतों व कई गांवों के ग्रामीणों की महापंचायत हुई। 26 फरवरी को किसानों का ट्रैक्टर मार्च : संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन के समर्थन में ट्रैक्टर मार्च निकाला। शंभू और खनौरी बॉर्डर पर WTO के पुतले फूंके गए। किसान नेता सरवण पंधेर ने कहा कि अभी आंदोलन खत्म नहीं होगा। उनकी मांगें पूरी होने तक हम बॉर्डर पर बैठे रहेंगे। 27 फरवरी को एक और किसान की मौत : शंभू और खनौरी बॉर्डर पर 15वें दिन किसानों का शांतिपूर्ण ढंग से धरना जारी रहा। सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि दिल्ली कूच को लेकर मीटिंग चल रही हैं, कल यानी बुधवार को इस पर फैसला लिया जाएगा। वहीं, खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन के दौरान एक और किसान पटियाला के रहने वाले करनैल सिंह (50) की मौत हो गई। अभी तक किसान आंदोलन में 8 लोग जान गंवा चुके हैं। इनमें 3 पुलिस कर्मचारी भी शामिल हैं। 28 फरवरी को दिल्ली कूच को लेकर मीटिंग : किसानों ने दिल्ली कूच को लेकर जॉइंट मीटिंग की। इसके अलावा हरियाणा पुलिस ने उपद्रव करने वालों के पासपोर्ट-वीजा रद्द करने की कार्रवाई शुरू की। 29 फरवरी को किसान शुभकरण का अंतिम संस्कार : खनौरी बॉर्डर पर मारे गए किसान शुभकरण का 9 दिन बाद अंतिम संस्कार किया गया। सबसे पहले शुभकरण का शव खनौरी बॉर्डर पर लाया गया, जहां किसानों ने श्रद्धांजलि दी। इसके बाद शव बठिंडा लाया गया, जहां अंतिम संस्कार किया गया। इसी के कारण किसानों ने दिल्ली कूच को लेकर फैसला नहीं लिया। 1 मार्च को डबवाली बॉर्डर पर भी बैठे किसान: किसान हरियाणा-पंजाब के खनौरी और शंभू बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे थे, लेकिन किसानों ने एक मार्च को ऐलान किया कि अब किसान डबवाली बॉर्डर पर भी धरना देंगे। हालांकि, किसानों ने युवा किसान शुभकरण के भोग होने तक दिल्ली कूच का फैसला टाला हुआ है। 2 मार्च पंजाब के कलाकारों ने किया समर्थन: आंदोलन के 19वें दिन पंजाब के कलाकारों ने किसानों का समर्थन किया। वहीं, किसान नेता सरवण सिंह पंधेर युवा किसान शुभकरण सिंह के घर पहुंचे। यहां ज्यादा से ज्यादा लोगों को शुभकरण की अंतिम अरदास में पहुंचने की अपील की। वहीं, 22 फरवरी 2022 को चंडीगढ़ में आयोजित आम सभा की बैठक में गठित एसकेएम की छह सदस्यीय समिति द्वारा अपनाए गए 8 सूत्री प्रस्ताव को संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के प्रतिनिधियों को सौंपा। 3 मार्च को युवा किसान शुभकरण की अरदास हुई: बठिंडा में शुभकरण सिंह की अंतिम अरदास हुई, जिसमें किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवण पंधेर समेत हजारों किसान पहुंचे। मंच से पंधेर ने 6 मार्च को दिल्ली कूच का ऐलान किया। हरियाणा-पंजाब को छोड़ देशभर के किसान ट्रेन, बस या फिर पैदल दिल्ली कूच करेंगे। इसके अलावा 10 मार्च को दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक देशभर में ट्रेन रोकने का ऐलान किया गया। 4 मार्च को दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे खोला: प्रशासन ने सोमवार को अंबाला-चंडीगढ़ हाईवे पर लगे बैरिकेड्स को हटाना शुरू किया। 5 मार्च को पंधेर ने गोल्डन टेंपल में माथा टेका: किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने मोर्चे की जीत के लिए श्री दरबार साहिब में माथा टेका।​ वहीं, ​​​​​​प्रशासन ने हिसार-अंबाला-चंडीगढ़ हाईवे (152) को भी खेलना शुरू कर दिया।​​​ 6 मार्च को किसान दिल्ली कूच के लिए निकले: राजस्थान, मध्यप्रदेश और पश्चित बंगाल समेत कई राज्यों के किसान दिल्ली कूच के लिए रवाना हुए। कई किसानों को पुलिस ने हिरासत में लिया। वहीं, कुंडू खाप समेत अन्य खाप भी किसानों के समर्थन में उतर आई है। फतेहाबाद में गांव अयाल्की के समीप लगाए बैरिकेड्स को हटाए गए। 7 मार्च को तमिलनाडु में रेलवे ट्रैक पर बैठे किसान: खनौरी-शंभू बॉर्डर पर किसानों का धरना शांतिपूर्ण ढंग से जारी रहा। केरल से किसान दिल्ली कूच के लिए रवाना हुए, लेकिन तमिलनाडु के तिरुपुर में वकील ईशान के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों के एक समूह को रेलवे ने दिल्ली का टिकट नहीं दिया। किसानों ने इसके विरोध में 2 घंटे तक ट्रेन रोकी। रेलवे पुलिस ने किसानों के खिलाफ मामला दर्ज कर है। वहीं, शुभकरण की पुलिस फायरिंग में हत्या की जांच के लिए हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। 8 मार्च को दोनों मोर्चों की कमान महिलाओं ने संभाली: किसानों ने खनौरी और शंभू बॉर्डर पर अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया, जिसमें हजारों महिलाओं ने शिरकत की। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय महिला पहलवान साक्षी मलिक भी शंभू बॉर्डर पहुंची। यहां उन्होंने किसानों को अपना समर्थन दिया। 9 मार्च को पुलिस ने कार्रवाई की चेतावनी दी: किसान नेता सवरण सिंह पंधेर ने फेसबुक पर लाइव आकर लोगों से रेल रोको आंदोलन में शामिल होने की अपील की। पंधेर ने पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़, अश्विनी शर्मा, फतेचंद सिंह बाजवा, भाजपा नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह को खरी-खरी सुना इस्तीफा मांगा। कहा कि अगर जमीर जागता है तो इस्तीफा देकर बाहर आ जाओ। वहीं, हरियाणा पुलिस ने रेल रोको आंदोलन को देखते हुए धारा 144 के तहत कार्रवाई करने की चेतावनी दी। 10 मार्च को 100 से अधिक जगह ट्रेनें रोकीं: आंदोलन में डटे किसानों ने रविवार को देश भर में रेल रोको आंदोलन चलाया। इस दौरान पंजाब में 52 जगहों और हरियाणा में 3 जगहों पर ट्रेनें रोकी गईं। इसके अलावा भी अन्य राज्यों में भी किसानों ने ट्रेनें रोकी। हरियाणा के सिरसा में रेलवे ट्रैक बंद करने के लिए जा रहे 45 किसानों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। 11 मार्च को खनौरी बॉर्डर पर एक की और मौत: खनौरी बॉर्डर पर सोमवार को एक और किसान की मौत हो गई। किसान आंदोलन के दौरान यह 9वीं मौत थी। BKU क्रांतिकारी के नेता बलदेव सिंह पिछले कई दिनों से खनौरी बॉर्डर पर थे। बलदेव सिंह को सांस की तकलीफ हुई थी, जिसे पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां इलाज के दौरान बलदेव सिंह ने दम तोड़ दिया। 12 मार्च किसानों का शांतिप्रिय आंदोलन: किसान हजारों की संख्या में शंभू, खनौरी और डबाली बॉर्डर पर डटे रहे। किसानों का आंदोलन बिल्कुल शांतिप्रिय रहा। किसानों ने बड़ा ऐलान करना था, लेकिन नहीं किया। 13 मार्च को कलश यात्रा निकालने का ऐलान: किसानों ने युवा किसान शुभकरण की अस्थियों को लेकर हरियाणा समेत अन्य राज्यों में कलश यात्रा निकालने का फैसला लिया। 15 मार्च को शुभकरण के गांव से अस्थियों का कलश लेने जाएंगे। फिर कलश को बॉर्डर पर लाएंगे। इसके बाद गांव-गांव कलश यात्रा निकालेंगे। 22 को हिसार में प्याऊ माजरा के अंदर और 31 मार्च को अंबाला की मोहड़ा अनाज मंडी में शहीदी समागम का आयोजन किया जाएगा। 14 मार्च को दिल्ली में महापंचायत: संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 14 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में किसान-मजदूर महापंचायत बुलाई गई, जिसमें देशभर के 400 से अधिक किसान संगठनों ने हिस्सा लिया। गुरुवार को किसान-मजदूर मोर्चा के एक प्रतिनिधिमंडल ने PGI चंडीगढ़ में उपचाराधीन किसान प्रीतपाल सिंह से मुलाकात की। इसके साथ ही किसानों ने पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के स्टूडेंट सेंटर में युवाओं को खुलकर मोर्चे के समर्थन में आने की अपील की। 15 मार्च को युवा किसान शुभकरण की अस्थियां एकत्रित की: संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान-मजदूर मोर्चा के किसान नेता शुक्रवार को बठिंडा के गांव बल्लों पहुंचे। यहां युवा किसान शुभकरण सिंह के अस्थियां कलश एकत्रित की। इस मौके पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवण सिंह पंधेर समेत अन्य किसान नेता भी शामिल रहें। 16 मार्च को किसानों ने निकाली अस्थि कलश यात्रा: युवा किसान शुभकरण की अस्थि यात्रा सुबह साढ़े 11 बजे शंभू बॉर्डर से रवाना हुई। पंजाब के कई हिस्सों से होते हुए यात्रा पंजाब यूनिवर्सिटी पहुंची। यहां, किसान नेताओं व छात्रों से समर्थन मांगा। कई स्टूडेंट्स संगठन भी किसानों के समर्थन में उतर आए। 17 से 19 मार्च के बीच निकाली कलश यात्रा: किसान शेड्यूल के अनुसार अस्थि कलश यात्रा निकाल रहे हैं। 17, 18 और 19 मार्च को किसानों ने पंचकूला, चंडीगढ़ और यमुनानगर में कलश यात्रा निकाली। इस दौरान किसानों ने पंजाब यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स और ग्रामीणों से आंदोलन का समर्थन करने की अपील की। 17 व 18 मार्च को 3 किसानों की भी मौत हुई। 20 मार्च को कुरुक्षेत्र, 21 को करनाल पहुंची यात्रा: 20 मार्च को शुभकरण की अस्थित कलश यात्रा का 5वां दिन था। यात्रा यमुनानगर से शुरू हुई और कई गांव से होते हुए कुरुक्षेत्र पहुंची। इस दौरान किसानों ने लोगों को ज्यादा से ज्यादा आंदोलन में जुड़ने की अपील की। 21 मार्च को कुरुक्षेत्र से अस्थि कलश यात्रा शाम को करनाल के नीलोखेड़ी पहुंची।

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