GATE-2024 के टॉपर भानु प्रताप सिंह की सक्सेस स्टोरी:क्लाउड इंजीनियर की नौकरी का ऑफर छोड़ा, ऑफलाइन क्लास में तलाशे चुनौतियों के समाधान

ग्रेजुएट एप्टीट्यूटड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (GATE-2024) में भानु प्रताप सिंह टॉपर रहे। इन्होंने सिविल इंजीनियरिंग ब्रांच में पूरे देश में प्रथम रैंक प्राप्त की। भानु की सक्सेस स्टोरी सिर्फ एकेडमिक एक्सीलेंस के बारे में नहीं है, बल्कि कठिन विकल्प चुनने, कठोर परिश्रम करने और तैयार के लिए सही माहौल खोजने के बारे में है। बता दें कि गेट इंजीनियरिंग क्षेत्र में देश की प्रतिष्ठित परीक्षा है, जिससे एमटेक में प्रवेश मिलता है। इससे कंपनियों के इंजीनियरिंग सेक्शन में जाने की राह आसान हो जाती है। Made Easy से शुरू की GATE की तैयारी मूल रूप से जोधपुर निवासी भानुप्रताप सिंह IIT गांधीनगर से ग्रेजुएट हैं। भानु की शैक्षणिक यात्रा में निर्णायक मोड़ तब अया, जब उन्होंने क्लाउड इंजीनियरिंग की नौकरी के ऑफर को छोड़ने का फैसला किया। यह एक महत्वपूर्ण क्षण था, जिसके पीछे सिविल इंजीनियरिंग के प्रति उनका गहरा जुनून था। साथ ही ये अहसास था कि उनकी असली रूचि उन मुख्य विषयों में है, जिन पर महारथ हासिल करने में उन्होंने चार साल बिताए हैं। उन्होंने दिल्ली के मेड ईजी (Made Easy) में एडमिशन लिया। यहां से उन्होंने GATE परीक्षा के लिए तैयारी करने की शुरुआत की। भानु बोले- क्लास में ग्रुप एफर्टस को मिला बढ़ावा ऑफलाइन कक्षा पाठ्यक्रम में एडमिशन लेने का भानु प्रताप का फैसला उनके अनुभवों और पारंपरिक शिक्षण वातावरण की शक्ति में दृढ़ विश्वास से उपजा। उन्हें लगा कि ऑफलाइन क्लासेज का अनुभव ऑनलाइन की तुलना में काफी बेहतर हो सकता है। ऑफलाइन मोड में उनका भरोसा स्कूली और कॉलेज की शिक्षा से प्रभावित था। भानु ने ऑनलाइन सीखने के बारे में अपनी चिंताओं को स्पष्ट रूप से अंडरलाइन किया और ऑफलाइन पाठ्यक्रम को आगे बढ़ाने के अपने निर्णय को पक्का किया। मेड ईजी (Made Easy) में अपनी कक्षा के अनुभवों को साझा करते हुए भानु प्रताप सिंह बताते हैं, 'मेरे लिए क्लास एक ऐसी जगह बन गई, जहां चुनौतियां साझा की गईं। समाधान तलाशे गए। सफलता के लिए ग्रुप एफटर्स को बढ़ावा दिया गया।' CMD ने कहा- प्रतिबद्धता का प्रमाण थी भानु की दिनचर्या मेड ईजी (Made Easy) समूह के CMD और पूर्व IES अधिकारी बी. सिंह (B. Singh) ने कहा, 'भानु की दैनिक दिनचर्या उनकी प्रतिबद्धता का प्रमाण थी। लगातार क्लासेज से थकावट के बावजूद उन्होंने ये सुनिश्चित कर दिया था कि पढ़ाई घर पर भी जारी रहे। कक्षा में सीखने से सेल्फ स्टडी चुनौतीपूर्ण थी, लेकिन महत्वपूर्ण भी थी। आराम करने की इच्छा के बावजूद रिवीजन में अनुशासन, GATE और IES जैसी परीक्षाओं में एक्सीलेंस अचीव करने के लिए उनके कमिटमेंट को दिखाता है।'

Mar 22, 2024 - 15:42
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GATE-2024 के टॉपर भानु प्रताप सिंह की सक्सेस स्टोरी:क्लाउड इंजीनियर की नौकरी का ऑफर छोड़ा, ऑफलाइन क्लास में तलाशे चुनौतियों के समाधान
ग्रेजुएट एप्टीट्यूटड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (GATE-2024) में भानु प्रताप सिंह टॉपर रहे। इन्होंने सिविल इंजीनियरिंग ब्रांच में पूरे देश में प्रथम रैंक प्राप्त की। भानु की सक्सेस स्टोरी सिर्फ एकेडमिक एक्सीलेंस के बारे में नहीं है, बल्कि कठिन विकल्प चुनने, कठोर परिश्रम करने और तैयार के लिए सही माहौल खोजने के बारे में है। बता दें कि गेट इंजीनियरिंग क्षेत्र में देश की प्रतिष्ठित परीक्षा है, जिससे एमटेक में प्रवेश मिलता है। इससे कंपनियों के इंजीनियरिंग सेक्शन में जाने की राह आसान हो जाती है। Made Easy से शुरू की GATE की तैयारी मूल रूप से जोधपुर निवासी भानुप्रताप सिंह IIT गांधीनगर से ग्रेजुएट हैं। भानु की शैक्षणिक यात्रा में निर्णायक मोड़ तब अया, जब उन्होंने क्लाउड इंजीनियरिंग की नौकरी के ऑफर को छोड़ने का फैसला किया। यह एक महत्वपूर्ण क्षण था, जिसके पीछे सिविल इंजीनियरिंग के प्रति उनका गहरा जुनून था। साथ ही ये अहसास था कि उनकी असली रूचि उन मुख्य विषयों में है, जिन पर महारथ हासिल करने में उन्होंने चार साल बिताए हैं। उन्होंने दिल्ली के मेड ईजी (Made Easy) में एडमिशन लिया। यहां से उन्होंने GATE परीक्षा के लिए तैयारी करने की शुरुआत की। भानु बोले- क्लास में ग्रुप एफर्टस को मिला बढ़ावा ऑफलाइन कक्षा पाठ्यक्रम में एडमिशन लेने का भानु प्रताप का फैसला उनके अनुभवों और पारंपरिक शिक्षण वातावरण की शक्ति में दृढ़ विश्वास से उपजा। उन्हें लगा कि ऑफलाइन क्लासेज का अनुभव ऑनलाइन की तुलना में काफी बेहतर हो सकता है। ऑफलाइन मोड में उनका भरोसा स्कूली और कॉलेज की शिक्षा से प्रभावित था। भानु ने ऑनलाइन सीखने के बारे में अपनी चिंताओं को स्पष्ट रूप से अंडरलाइन किया और ऑफलाइन पाठ्यक्रम को आगे बढ़ाने के अपने निर्णय को पक्का किया। मेड ईजी (Made Easy) में अपनी कक्षा के अनुभवों को साझा करते हुए भानु प्रताप सिंह बताते हैं, 'मेरे लिए क्लास एक ऐसी जगह बन गई, जहां चुनौतियां साझा की गईं। समाधान तलाशे गए। सफलता के लिए ग्रुप एफटर्स को बढ़ावा दिया गया।' CMD ने कहा- प्रतिबद्धता का प्रमाण थी भानु की दिनचर्या मेड ईजी (Made Easy) समूह के CMD और पूर्व IES अधिकारी बी. सिंह (B. Singh) ने कहा, 'भानु की दैनिक दिनचर्या उनकी प्रतिबद्धता का प्रमाण थी। लगातार क्लासेज से थकावट के बावजूद उन्होंने ये सुनिश्चित कर दिया था कि पढ़ाई घर पर भी जारी रहे। कक्षा में सीखने से सेल्फ स्टडी चुनौतीपूर्ण थी, लेकिन महत्वपूर्ण भी थी। आराम करने की इच्छा के बावजूद रिवीजन में अनुशासन, GATE और IES जैसी परीक्षाओं में एक्सीलेंस अचीव करने के लिए उनके कमिटमेंट को दिखाता है।'

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